चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने 2025-26 के लिए शराब के ठेकों की टेंडर प्रक्रिया में उच्चतम बोली लगाने वाली फर्मों को 1 अप्रैल से दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। इससे पहले, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस टेंडर प्रक्रिया में विवाद के चलते 3 अप्रैल तक यथास्थिति बनाए रखने और नए ठेके न खोलने का आदेश दिया था।
2025-26 के लिए शराब के ठेकों की टेंडर प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि 97 में से 87 शराब की दुकानें एक ही परिवार और उसके करीबियों को दी गई हैं, जिन्होंने अलग-अलग फर्मों और रिश्तेदारों के नाम पर बोली लगाई।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह त्रुटिपूर्ण थी। आबकारी नीति के तहत किसी भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी को 10 से अधिक दुकानें देने की अनुमति नहीं थी, ताकि किसी एक समूह का एकाधिकार न हो। लेकिन प्रशासन ने इस नियम की अनदेखी की, जिससे कुछ लोगों को शराब व्यापार पर असामान्य नियंत्रण मिल गया।
हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए उच्चतम बोली लगाने वाली फर्मों को 1 अप्रैल से ही ठेके खोलने की अनुमति दे दी। अदालत ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया को लेकर शिकायतों की जांच जारी रहेगी, लेकिन कानूनी रूप से सही ठहराई गई बोली प्रक्रिया के आधार पर ठेकों को संचालन की मंजूरी दी जा सकती है।