चंडीगढ़, दिनभर
चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) ने मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट, दवाओं की पर्ची और अन्य दस्तावेज हिंदी में भी उपलब्ध होंगे, जिससे कम पढ़े-लिखे मरीजों को अस्पताल की प्रक्रियाओं को समझने में आसानी होगी।
मरीजों की दिक्कतें होंगी कम
पीजीआई में रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदी भाषी होते हैं और अंग्रेजी नहीं समझ पाते। ऐसे में दवाओं की पर्ची, रजिस्ट्रेशन फॉर्म और मेडिकल रिपोर्ट को समझने में उन्हें काफी परेशानी होती है। अस्पताल प्रशासन के इस फैसले से अब मरीजों को सीधे अपनी बीमारी और इलाज से जुड़ी जानकारी मिल सकेगी।
हिंदी को प्राथमिकता देने का फैसला
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत पीजीआई प्रशासन ने अस्पताल में हिंदी भाषा को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
पीजीआई में हिंदी को बढ़ावा देने के कदम
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सभी विभागों में हिंदी फॉन्ट इंस्टॉल किया जा रहा है।
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कर्मचारियों को हिंदी टाइपिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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सरकारी दस्तावेज और पत्राचार हिंदी में भी उपलब्ध होंगे।
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छुट्टी के आवेदन और अन्य प्रशासनिक कार्य हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किए जाएंगे।
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समय-समय पर कर्मचारियों के लिए हिंदी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
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अधिकारी और कर्मचारी हिंदी में हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित किए जाएंगे।
पीजीआई निदेशक ने दिया निर्देश
पीजीआई के निदेशक डॉ. विवेक लाल ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि ओपीडी, आईपीडी, पर्चियां, रजिस्ट्रेशन कार्ड और मरीजों को दिए जाने वाले दिशा-निर्देश हिंदी में लिखे जाएं।
मरीजों को होगा सीधा लाभ
इस फैसले से पीजीआई में इलाज के लिए आने वाले देशभर के मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा। हिंदी में उपलब्ध जानकारी से मरीजों को अपनी मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर के निर्देश और अस्पताल की प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। इससे अस्पताल में पारदर्शिता बढ़ेगी और संचार व्यवस्था अधिक प्रभावी होगी।