भरत अग्रवाल .चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़: नगर निगम ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए बड़ी कार्रवाई की है, जिसके तहत 90 आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इन कर्मचारियों को फोन के माध्यम से सूचित कर दिया गया कि वे अगले दिन से नौकरी पर न आएं। इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने आज नगर निगम के मेयर हरप्रीत कौर बबला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला अचानक लिया गया, जिससे वे मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक नगर निगम ने विभिन्न विभागों में कार्यरत कुल 90 आउटसोर्स कर्मियों को हटाया है। इनमें 47 फायरमैन, 16 ड्राइवर, 4 डाटा एंट्री ऑपरेटर, 7 माली, 7 एमटीएस, 3 पीएन (पीयून) और 6 सफाई कर्मचारी शामिल हैं। नगर निगम का तर्क है कि इन कर्मचारियों के वेतन से वित्तीय भार बढ़ रहा था और निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
वहीं नगर निगम के अधिकारियों का कहना कि मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक था। निगम पहले से ही आर्थिक दबाव में था और इन कर्मचारियों के वेतन का खर्च वहन करना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है और निकाले गए कर्मचारियों को उचित रूप से सूचित किया गया है।
मुझे आज ही इस मामले की जानकारी मिली है, और मैं इस निर्णय को लेकर चिंतित हूं। मंगलवार को मैं नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात करूंगी और स्थिति पर विस्तृत चर्चा करूंगी। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि इन कर्मचारियों की नौकरियां बचाई जा सकें और उन्हें किसी भी तरह की असुरक्षा या परेशानी का सामना न करना पड़े। हम सभी विकल्पों पर विचार करेंगे ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके।
हरप्रीत कौर बबला, मेयर नगर निगम