पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की पुलिस हिरासत को लेकर दायर याचिका पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में कोर्ट का फैसला आ सकता है। इससे पहले, 24 जनवरी को पंजाब सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें बताया गया था कि डल्लेवाल को हिरासत में नहीं लिया गया, बल्कि पटियाला के अस्पताल में रखा गया है। कोर्ट ने उस वक्त आदेश दिया था कि परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने दिया जाए।
चंडीगढ़ में बैठक के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया
19 मार्च को चंडीगढ़ में आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच सातवें दौर की वार्ता हुई थी। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी शामिल हुए, जबकि पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा सहित तीन मंत्री मौजूद थे। किसानों ने अपनी प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर दबाव बनाया, लेकिन वार्ता के दौरान कोई समाधान नहीं निकला। केंद्र सरकार के मंत्रियों ने कहा कि किसानों की मांगों पर अलग-अलग मंत्रालयों से चर्चा करने में समय लगेगा। बैठक करीब 4 घंटे चली, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
बैठक के बाद जब किसान चंडीगढ़ से वापस पंजाब लौट रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें पंजाब में प्रवेश करते ही हिरासत में ले लिया। संगरूर के पास एम्बुलेंस में ही डल्लेवाल को हिरासत में लिया गया, इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
पुलिस ने बॉर्डर से हटाई बैरिकेडिंग
डल्लेवाल की हिरासत के बाद 19 मार्च को पुलिस ने पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों के टेंट और शेड हटाने शुरू कर दिए। इसके बाद, 20 मार्च की सुबह हरियाणा पुलिस ने सीमेंट बैरिकेड्स हटाए और शाम को शंभू बॉर्डर पर ट्रैफिक चालू कर दिया गया। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर पंजाब की ओर किसानों की ट्रॉलियां खड़ी होने के कारण ट्रैफिक चालू नहीं हो सका। 21 मार्च को पुलिस ने यहां भी वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई।
अब इस मामले में हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा, जिससे साफ हो सकता है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की हिरासत पर अदालत क्या फैसला सुनाएगी।