पुनीत महाजन, चंडीगढ़ दिनभर: चंडीगढ़ में आउटसोर्स कर्मचारियों की तीन महीने की लंबित सैलरी को लेकर जारी भूख हड़ताल बुधवार को 17वें दिन में दाखिल हो गई। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इम्प्लाइज एंड वर्कर्स, यूटी चंडीगढ़ के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कर्मचारियों ने प्रशासन और संबंधित विभागों पर आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी सैलरी नहीं दी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
बुधवार को भूख हड़ताल पर अलग-अलग विभागों के 22 कर्मचारी बैठे, जिनमें नगर निगम के सीवर विभाग से राकेश कुमार, वाटर सप्लाई से गगनदीप सिंह, स्पोर्ट्स विभाग से ओमप्रकाश, रोड एडमिन से नानक चंद और दीदार सिंह, बिल्डिंग मेंटेनेंस से प्रकाश और शिव कुमार, इलेक्ट्रिकल एडमिन से दर्शन सिंह, कमलजीत, निर्मल सिंह, हरदीप सिंह, अजय सूद, गुरजिंदर सिंह, अरुण कुमार, हर्ष कुमार, तरुण प्रीत सिंह, परमिंदर सिंह, गुरविंदर सिंह, वरुण और सरबजीत सिंह शामिल रहे।
कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार, कैशियर किशोरी लाल, वरिंदर बिष्ट, सुखविंदर सिंह और यशपाल शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग विभाग के इलेक्ट्रिकल सर्कल, पब्लिक हेल्थ सर्कल, कंस्ट्रक्शन सर्कल, नगर निगम और सीटीयू में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रशासन और लेबर विभाग इस मुद्दे को अनदेखा कर रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि श्रम कानूनों का भी पालन नहीं किया जा रहा है और उन्हें उनकी मेहनत का भुगतान समय पर नहीं मिल रहा है।
संघ के नेताओं ने मांग की कि प्रशासन जल्द से जल्द वेतन जारी करे, क्योंकि वित्त वर्ष के लिए दस महीने का बजट आ चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वेतन जल्द नहीं मिला तो 27 मार्च को भूख हड़ताल कैंप से सेक्टर 16 की मार्केट तक झंडा मार्च निकाला जाएगा। 28 मार्च तक भूख हड़ताल जारी रहेगी और 29 मार्च को कर्मचारियों की कन्वेंशन आयोजित की जाएगी, जिसमें 8 अप्रैल को चंडीगढ़ सचिवालय के घेराव की रणनीति बनाई जाएगी।
संघ के नेताओं ने प्रशासन से उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर कर्मचारियों की तर्कसंगत मांगों पर जल्द निर्णय लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत का रास्ता खोला जाए, ताकि एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई के संबंध बेहतर बने रहें। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है।