शहर के एक मशहूर हाई प्रोफाइल स्कूल का एक स्टूडेंट टीचर और पुलिस के प्रेशर नहीं झेल सका और उसनी खुदकुशी कर ली। 11वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट ने इंस्टाग्राम पर अपने स्कूल के टीचरों का मीम बनाने की गलती की थी। लड़के की मां का आरोप है कि पहले तो स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चों को डांटा और फिर चंडीगढ़ साइबर सेल में पूछताछ के बहाने बुलाकर मारपीट की गई। थाने से लौटने के बाद परेशान स्टूडेंट ने फांसी लगा ली। पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है और मामले की जांच कर रही है। मृतक के परिजनों ने चंडीगढ़ साइबर सेल के एएसआई गुरदेव सिंह पर टॉर्चर करने के आरोप लगाए थे। जिसे चंडीगढ़ पुलिस विभाग की ओर से सस्पेंड करने के आदेश मंगलवार दोपहर को जारी किए गए।मामले में जो प्रिंसिपल द्वारा बयान सामने आ रहे हैं, वे यह दर्शाते हैं कि केस में कार्रवाई करने के लिए नहीं, बल्कि यह पता लगाने के लिए कहा गया था कि यह हरकत किसने की।
दूसरी ओर, प्रिंसिपल द्वारा शिकायत के बाद फोन पर और लिखित में रिमाइंडर कार्रवाई के लिए भेजा गया था। जिसमें सामने आया कि जब चंडीगढ़ साइबर सेल में मीम्स केस को लेकर पूछताछ की गई, उस दौरान सेक्टर-21 के सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल, टीचर, 2 बच्चे और उनके माता-पिता मौजूद थे। पुलिस द्वारा मौलिक को कॉल कर पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया था। चंडीगढ़ पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया कि साइबर सेल में तैनात जिस एएसआई गुरदेव सिंह पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उनके पास यह केस 20 फरवरी को ट्रांसफर होकर आया था।इससे पहले यह केस एएसआई शिवदयाल के पास था, जिनकी दिसंबर में मौत हो गई थी। जब पुलिस ने जांच की तो जिस मोबाइल से स्कूल टीचरों के मीम्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाले गए थे, पुलिस ने आईपी एड्रेस ट्रेस कर उसे फोन किया और साइबर सेल आने के लिए कहा। वह अपनी पत्नी, बेटे और एक दूसरे लड़के को साथ लेकर पहुंच गया। उसी दौरान पुलिस ने मौलिक की मां को भी फोन किया, जिसने कहा कि वह जालंधर में है और नहीं आ सकती। कुछ देर बाद मौलिक भी साइबर सेल चंडीगढ़ पहुंच गया, जबकि उसे पुलिस ने बुलाने के लिए फोन नहीं किया था। फिर मौलिक को फोन कर साइबर सेल किसने बुलाया?