पंजाब सरकार ने अपना चौथा बजट पेश किया, लेकिन इसमें एक बार फिर महिलाओं को 1100 रुपये प्रति माह देने की गारंटी पूरी नहीं की गई। यह वही वादा था, जो 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किया था। उन्होंने कहा था कि 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी, लेकिन अब तक सरकार ने इस योजना को लागू नहीं किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस योजना को 2026 के आखिरी बजट में शामिल कर सकती है, जो 2027 के चुनाव से ठीक पहले होगा।
हालांकि, इस बजट में पंजाब सरकार ने नशे की रोकथाम को लेकर बड़े कदम उठाने की बात कही है। सरकार अगले साल राज्य में “ड्रग जनगणना” कराने जा रही है, जिसमें नशा करने वालों की सही संख्या का पता लगाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया और नशा मुक्ति केंद्रों के विस्तार के लिए सरकार ने 150 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इसके अलावा, नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी और पुलिस व स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को ड्रग डिटेक्शन के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि नशा तस्करों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए भी सरकार ने बजट में खास प्रावधान किए हैं। इस बार उद्योगों के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा। उद्योगों को वित्तीय सहायता, सब्सिडी और आसान ऋण योजनाओं का लाभ मिलेगा। सरकार ने इस साल औद्योगिक बजट में 39.6% की वृद्धि की है और नए औद्योगिक पार्कों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राज्य में रोजगार को लेकर वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने दावा किया कि अब तक 51 हजार नौकरियां दी जा चुकी हैं। वहीं, शिक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए 20,050 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 8.5% अधिक है। इस बजट का उपयोग स्कूलों और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को सुधारने, नई शिक्षा योजनाओं को लागू करने और शिक्षकों की भर्ती में किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ा बजट पेश किया है। इस बार 11,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 15.7% अधिक है। “आम आदमी क्लिनिक” योजना के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। फिलहाल, राज्य में 881 आम आदमी क्लिनिक चल रहे हैं, और सरकार की योजना इन्हें और बढ़ाने की है। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा।
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया और इसे “महिला सशक्तिकरण योजना” का नाम दिया गया। केजरीवाल ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना बताया था, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का दावा किया गया था। हालांकि, अब तक इस योजना को लागू नहीं किया गया है और सरकार का तर्क है कि उन्हें जनता ने पूरे 5 साल का समय दिया है। ऐसे में आने वाले समय में यह योजना लागू होगी या नहीं, इस पर अभी भी सवाल बना हुआ है।