Thursday, August 14, 2025

कजहेड़ी की अवैध मंडी बनी वसूली का अड्डा!

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़। गांव कजहेडी में इनलीगल मंडी चल रही हैं , जहां सैकड़ों वेंडर्स
रेहड़ी-फड़ी लगाकर व्यापार कर रहे हैं। इस मंडी में सब्जी, कपड़े, मास और
नॉनवेज सहित हर तरह के सामान की बिक्री हो रही है। हैरानी की बात यह है कि ये
मंडी चंडीगढ़ प्रशासन की जमीन , यानी सरकारी प्लॉट्स पर संचालित हो रही हैं।
इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी और इंस्पेक्टर इन्हें हटाने से परहेज करते
हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस इनलीगल मंडी को नगर निगम के अधिकारियों का पूरा
समर्थन प्राप्त है। अधिकारियों और मंडी ऑपरेटरों के बीच कथित सांठगांठ के कारण
इस मंडी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस मंडी को लेकर पहले भी विवाद उठे
हैं, लेकिन हर बार मामले को दबा दिया जाता है।
नगर निगम के इंस्पेक्टरों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा
माना जा रहा है कि यह अवैध मंडी को चलाने के पीछे निगम अधिकारियों और मंडी
ऑपरेटरों की मिलीभगत है। इस कारण, बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद भी इस
मंडी को हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
इस इनलीगल मंडी में सब्जी, फल, कपड़े, और घरेलू सामान से लेकर मास और नॉनवेज
जैसे उत्पाद भी खुलेआम बेचे जा रहे हैं। यह अवैध मंडी चंडीगढ़ शहर के नियमों
का खुलेआम उल्लंघन कर रही है, लेकिन निगम प्रशासन की चुप्पी से इनके हौसले
बुलंद हैं।
इस विवादित मंडी को लेकर स्थानीय एरिया पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू ने नगर निगम
के कमीशनर को शिकायत दी थी। बिल्लू ने मांग की थी कि इस मंडी को तुरंत बंद
किया जाए। पार्षद ने आरोप लगाया था कि इस मंडी से अवैध वसूली की जा रही है।
वहीं, दूसरी ओर मंडी में काम करने वाले वेंडर्स ने भी पार्षद पर पैसे मांगने
का आरोप लगाया था।
पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू ने नगर निगम कमीशनर को लिखित शिकायत देकर अवैध मंडी
को हटाने की मांग की थी। शिकायत में बताया गया था कि इन मंडियों से होने वाली
अवैध वसूली से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद
इसके, नगर निगम ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
इन अवैध मंडी के कारण न केवल शहर का सौंदर्य बिगड़ रहा है, बल्कि ट्रैफिक की
समस्या भी बढ़ रही है। इस मंडी के पास गाडिय़ां खड़ी होने से रास्ते जाम हो
जाते हैं। इसके अलावा, इस मंडी में सफाई व्यवस्था का अभाव है, जिससे इलाके में
गंदगी और बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
इस अवैध मंडी के कारण आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना
पड़ रहा है। स्थानीय निवासी अक्सर इस बात की शिकायत करते हैं कि मंडी के कारण
सडक़ें संकरी हो जाती हैं, और शोर-शराबा बढ़ जाता है। इसके अलावा, अस्थायी
ढांचे और गंदगी के कारण इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। नगर
निगम और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर शहरवासी नाराज हैं। स्थानिय लोग चाहते
हैं कि इस मंडी पर तत्काल कार्रवाई हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कदम
उठाए जाएं।
यह मामला न केवल नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रशासन
की नीति और इच्छाशक्ति पर भी। क्या नगर निगम इन अवैध मंडियों पर कार्रवाई
करेगा या सांठगांठ के आरोपों के बीच यह मुद्दा भी दबा दिया जाएगा, यह देखना
बाकी है।

बॉक्स.. .
सरकारी जमीन पर चल रही अवैध मंडी:
कजहेड़ी में सरकारी जमीन पर चल रही अवैध मंडी स्थानीय निवासियों के लिए
परेशानी और असुरक्षा का कारण बन गई है। शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक संचालित
होने वाली इस मंडी में न केवल सडक़ों पर जाम की समस्या उत्पन्न होती है, बल्कि
शराबखोरी और हिंसा के कारण माहौल भी बिगड़ता है। इस मंडी में खुलेआम शराब
परोसी और पी जाती है। हैरानी की बात यह है कि मंडी के पास ही पुलिस बीट बॉक्स
मौजूद है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। शराब के नशे में लोग
अक्सर आपस में झगड़ पड़ते हैं, जिससे माहौल और भी खराब हो जाता है। स्थानीय
निवासियों का कहना है कि इस वजह से इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ
है। अवैध मंडी मुख्य सडक़ के किनारे चलती है, जिससे रोजाना ट्रैफिक जाम की
समस्या होती है। मंडी की वजह से सडक़ पर जगह-जगह कचरा और गंदगी भी फैलती है।
सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध मंडी से कुछ प्रभावशाली लोग अवैध वसूली करते हैं।
इस वजह से मंडी को बंद करने की कोशिशें विफल हो जाती हैं। स्थानीय निवासियों
का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों और प्रशासनिक अधिकारियों के समर्थन
के कारण इस मंडी को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है
कि पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता से अवैध मंडी संचालकों के हौसले बुलंद
हैं। यह स्थिति केवल कजहेड़ी ही नहीं, बल्कि पूरे शहर में प्रशासनिक कार्यशैली
पर सवाल खड़े करती है। निवासियों ने प्रशासन से इस अवैध मंडी को तुरंत हटाने
और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब
देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस गंभीर समस्या का समाधान करता है या यह मामला
भी अन्य मुद्दों की तरह अनदेखा रह जाएगा।

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बॉक्स. .
कजहेड़ी की अवैध मंडी नगर निगम ले अधीन:
एरिया पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू ने कजहेड़ी की अवैध मंडी को नगर निगम के अधीन
लाने की मांग की है। पार्षद का कहना है कि मंडी को बंद करने से सैकड़ों लोग
बेरोजगार हो जाएंगे, जो उनके जीवन-यापन पर गंभीर असर डालेगा। उन्होंने सुझाव
दिया है कि नगर निगम मंडी को नियमित करे और इससे हर साल लाखों रुपये बतौर फीस
एकत्रित करे। मंडी को पूरी तरह से बंद करना समाधान नहीं है। इसके बजाय, इसे
नियमित कर दिया जाए, ताकि रोजगार भी बना रहे और नगर निगम को राजस्व भी मिल
सके। लखबीर सिंह बिल्लू ने कहा कि वह इस मामले में नगर निगम अधिकारियों से
जल्द ही मुलाकात करेंगे और मांग करेंगे कि इस समस्या का समाधान निकालकर मंडी
को नियमित किया जाए।

कोट्स. . .
नगर निगम के कमीशनर अमित कुमार ने कहा कि वे फिलहाल छुट्टी पर हैं और अगले
सप्ताह तक काम पर लौटेंगे। वहीं, इस मामले में नगर निगम के एरिया इंस्पेक्टर
से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।

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