विनोद राणा/ हिमांशु शर्मा, चंडीगढ़ दिनभर
बंदी सिखों की रिहाई की मांग कर रहे कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शनकारियों ने
मंगलवार को वाईपीएस चौक पर पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और सेक्टर-43 चौक तक
पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों को रोकने के प्रयास में पुलिस पर हमला हुआ, जिसमें
इंस्पेक्टर जयवीर राणा के सिर में गंभीर चोट आई, जबकि अन्य पुलिसकर्मी भी घायल
हुए। चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए हैं
कि माहौल खराब करने वाले किसी भी शरारती तत्व को तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ
की जाए।
यह पहली बार नहीं है जब कौमी इंसाफ मोर्चा ने चंडीगढ़ कूच की कोशिश की हो।
पिछले साल भी इसी तरह के प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने उस
समय 30 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन अभी तक किसी की
गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जबकि पुलिस ने इन सभी को वांटेड की लिस्ट में ड़ाला
उनकी फोटो भी चंडीगढ़ पुलिस की बैवसाइट पर ड़ाली हुई है।
स्थिति को काबू में लाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और
लाठीचार्ज किया। चार बसों में भरकर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और
थाने ले जाया गया। पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर पांच लेयर बैरिकेडिंग कर
दी, साथ ही पत्थरों से भरे टिप्पर खड़े किए गए, ताकि प्रदर्शनकारी दोबारा कूच
न कर सकें।
मोर्चा नेताओं की प्रतिक्रिया
कौमी इंसाफ मोर्चा के नेता बाबा शेर सिंह ने कहा कि 25 जनवरी को मोहाली में
महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाया
जाएगा। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं हैं और लोगों की तकलीफों को
नजरअंदाज कर रहे हैं। देर शाम तक कौमी इंसाफ मोर्चा की बैठक चली, जिसमें आगे
की रणनीति पर चर्चा की गई। मोर्चा नेताओं ने संकेत दिए कि बंदी सिखों की रिहाई
के लिए यह आंदोलन जारी रहेगा।
इलाके को छावनी में तब्दील किया गया
चंडीगढ़ पुलिस ने वाईपीएस चौक और सेक्टर-43 के आसपास का इलाका छावनी में
तब्दील कर दिया। चंडीगढ़ और मोहाली के सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई। जिससे
वहां से गुजरने वाले वाले लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन
चंडीगढ़ पुलिस ने रास्ता बंद रकने से पहले रूट डायवट कर दिया था।