चंडीगढ़ में आज वेरका मिल्कफेड एवं मिल्क प्लांट वर्कर्स यूनियन पंजाब ने एस.
वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सतवंत सिंह के नेतृत्व में वेरका मिल्कफेड मुख्यालय
के समक्ष धरना दिया। कर्मचारियों ने मिल्कफेड से सीटीसी सेवा नियम को तुरंत
रद्द करने की मांग की।
धरने के दौरान यूनियन के अध्यक्ष सतवंत सिंह ने पत्रकारों को बताया कि 2018
में मिल्कफेड ने अपने कुछ कर्मचारियों पर सीटीसी पैटर्न लागू किया था। यह
पैटर्न निजी संस्थानों के समान है और इसके कारण पंजाब सरकार का वेतनमान समाप्त
कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इन नियमों के चलते कर्मचारियों का वेतन आधा हो
गया है।
मिल्कफेड बोर्ड ने इन नियमों को खारिज करते हुए फाइल सहकारी सभाएं, पंजाब के
रजिस्ट्रार के पास मंजूरी के लिए भेजी थी। लेकिन, यह फाइल पिछले एक साल से
रजिस्ट्रार कार्यालय में लंबित है। धरने में उपस्थित कर्मचारियों ने कहा कि
सहकारिता सप्ताह के अवसर पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इन काले
कानूनों को समाप्त करने की घोषणा की थी। हालांकि, यूनियन ने इसे मात्र खोखला
वादा करार दिया। कर्मचारी ने वेरका मिल्कफेड प्रबंधन और पंजाब सरकार को कड़ी
चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें पंजाब सरकार का नियमित वेतनमान नहीं दिया जाता,
उनका विरोध जारी रहेगा।