नगर निगम द्वारा शहर में स्ट्रीट वेंडर्स को वेंडिंग जोन में स्थानांतरित करने
की प्रक्रिया के तहत शक्रवार को लॉटरी सिस्टम के माध्यम से ड्रा निकाला जाएगा।
इस ड्रा में 346 स्ट्रीट वेंडर्स को शामिल किया गया है, लेकिन इनमें से 12
वेंडर्स का मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण,
उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। नगर निगम ने यह कदम गैर-आवश्यक
सेवाएं प्रदान करने वाले वेंडर्स को निर्धारित वेंडिंग जोन में स्थानांतरित
करने के उद्देश्य से उठाया है।
वहीं ड्रा में शामिल किए गए वेंडर्स में से 12 वेंडर्स ने पंजाब और हरियाणा
हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है। इनका कहना है कि वे वर्ष 2000 से अपने
मौजूदा स्थानों पर काम कर रहे हैं और नगर निगम को नियमित रूप से लाइसेंस फीस
का भुगतान भी कर रहे हैं। इसलिए, वे चाहते हैं कि उन्हें उन्हीं क्षेत्रों में
बने वेंडिंग जोन में जगह आवंटित की जाए। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे
सेक्टर 22 और 19 जैसे प्रमुख स्थानों पर काम कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में
ग्राहक संख्या अधिक होने के कारण उनका व्यवसाय अच्छा चलता है। वे पिछले कई
वर्षों से एक ही स्थान पर काम कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने नगर निगम के
सभी नियमों का पालन किया है। उनका कहना है कि उन्हें अपने वर्तमान स्थान से
हटाकर अन्य वेंडिंग जोन में भेजना उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता
है।
नगर निगम का मानना है कि यह कदम शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और
सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण को कम करने में सहायक होगा। वेंडर्स को वेंडिंग
जोन में स्थानांतरित करने से ग्राहकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी और
शहर के सौंदर्यीकरण में भी सुधार होगा। इस लॉटरी प्रक्रिया को नगर निगम की एक
महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो न केवल वेंडर्स के हितों को ध्यान में रखती
है, बल्कि शहर में सुगठित व्यवस्थाओं को लागू करने का भी प्रयास करती है।