भरत अग्रवाल . चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चंडीगढ़ में जतिंदर पाल मल्होत्रा की
प्रधान पद पर दोबारा जीत के बाद कार्यकर्ताओं ने धूमधाम से जश्न मनाया। वीरवार
सुबह, सेक्टर 33 स्थित बीजेपी कार्यालय में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता
जुटे और फूलों की वर्षा कर मल्होत्रा का जोरदार स्वागत किया।
जेपी मल्होत्रा दोबारा भारतीय जनता पार्टी के प्रधान बन गए हैं। उनका अध्यक्ष
बनना तय था, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया में उनके अलावा किसी और ने नामांकन नहीं
भरा था। वहीं वरिष्ठ नेता संजय टंडन राष्ट्रीय परिषद सदस्य चुने गए
हैं।मल्होत्रा ने कहा कि पार्टी की सेवा के लिए वह हमेशा तैयार और तत्पर रहे
हैं। आगे भी वह तैयार रहेंगे। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के
लिए वरिष्ठ भाजपा नेता संजय टंडन को राष्ट्रीय परिषद सदस्य के रूप में चुना
गया है। वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालेंगे।
टंडन भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर काम कर रहे हैं और
चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश की जिम्मेवारी संभाले हुए हैं। टंडन ने कहा कि संगठन
की सेवा और मजबूती के लिए वह पूरी तरह से तत्पर हैं। भाजपा की नीति व रीति को
आमजन तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि भाजपा के संगठन पर्व 2024
की शुरुआत प्राथमिक सदस्यता अभियान के साथ हुई, जिसमें चंडीगढ़ में करीब 1 लाख
20 हजार नए सदस्य पार्टी में शामिल हुए।
मल्होत्रा की इस जीत के बाद, अब बीजेपी की नजरें नगर निगम चुनाव पर हैं, जो कि
24 जनवरी को होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी 20 जनवरी को मेयर,
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
बीजेपी की रणनीति के तहत, इस बार नगर निगम चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की
घोषणा में देरी की गई है। सभी दलों की यही कोशिश है कि वे अपने उम्मीदवारों का
नाम चुनाव से चंद दिन पहले ही घोषित करें, ताकि विपक्ष इसका फायदा न उठा सके
और नाराज पार्षदो की संख्या भी कम हो सके।
चंडीगढ़ के नगर निगम चुनाव में बीजेपी के मेयर पद के उम्मीदवार के तौर पर
हरप्रीत कौर बबला का नाम सबसे आगे चल रहा है। वहीं, पार्षद बिमला दुबे का नाम
भी चर्चा में है, जो मेयर पद के लिए दावेदार मानी जा रही हैं। हालांकि, बीजेपी
के कुछ पार्षद मल्होत्रा की प्रधान पद पर वापसी से खुश नहीं हैं, और इस कारण
पार्टी के अंदर कुछ असंतोष भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में मल्होत्रा के लिए
सभी पार्षदों को एकजुट करना एक बड़ा चुनौती साबित हो सकता है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि अगर उम्मीदवारों का
नाम समय से पहले घोषित कर दिया गया, तो विपक्ष इसे अपनी रणनीति में बदल सकता
है। इसीलिए, पार्टी की कोशिश है कि वे अंतिम समय तक उम्मीदवारों के नामों को
गुप्त रखें, ताकि चुनावी रणनीति में कोई बाधा न आए।
अब देखना यह होगा कि 20 जनवरी को बीजेपी चंडीगढ़ के तीनों प्रमुख उम्मीदवारों
के नामों की घोषणा के बाद पार्टी का माहौल कैसा रहता है और चुनावी रणनीति किस
तरह से आकार लेती है।