Thursday, August 14, 2025

दिल्ली वीएफएस ग्लोबल में कंसल्टेंट आनंद ने लिखा डीजीपी को पत्र, कहा- चंडीगढ़ में इमिग्रेशन कंपनियां पैसे लेकर दे रही हैं फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, ईओडब्ल्यू ने प्वाइंट 7 ओवरसीज़, बिशप इमिग्रेशन, वेरासिटी ओवरसीज़ के संचालकों के खिलाफ की एफआईआर

विनोद राणा, चंडीगढ़ दिनभर

चंडीगढ़:

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चंडीगढ़ में कुछ इमिग्रेशन कंपनियां पैसे लेकर फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर दे रही
हैं, इसका खुलासा दिल्ली वीएफएस ग्लोबल द्वारा किया गया है। वीएफएस ग्लोबल के
कंसल्टेंट आनंद सिंह ने चंडीगढ़ डीजीपी को ईमेल के जरिए शिकायत भेजी थी। इसके
बाद मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपा गया,
जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। गुरशरण सिंह, गुरजंट सिंह और
गुरप्रीत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 318(4), 338, 336(3), और 340(2) के तहत
एफआईआर दर्ज की गई है।

चंडीगढ़ की जिन इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें
प्वाइंट 7 ओवरसीज़ के संचालक कमल कुमार, बिशप इमिग्रेशन के संचालक अनस खान, और
वेरासिटी ओवरसीज़ के संचालक जसप्रीत कौर शामिल हैं। जबकि चंडीगढ़ के डीजीपी
सुरेंद्र सिंह यादव ने पुलिस विभाग को सख्त आदेश दिए थे कि जो इमिग्रेशन
कंपनियां रजिस्टर नहीं हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, जो
कंपनियां लोगों से पैसे तो पूरी तरह ले रही हैं, लेकिन उन्हें विदेश नहीं भेज
रही हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद, अभी तक फर्जी
अपॉइंटमेंट लेटर देने वाली इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं
उठाए गए हैं।

यह लिखा था शिकायत में
डीजीपी को भेजी गई शिकायत में बताया गया कि वीज़ा एजेंटों द्वारा की जा रही
धोखाधड़ी के मामलों को लेकर शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत आनंद सिंह, जो
वीएफएस ग्लोबल में कंसल्टेंट के तौर पर कार्यरत हैं, ने दर्ज कराई। वीएफएस
ग्लोबल, जो कि वीज़ा, पासपोर्ट और वाणिज्यिक सेवाओं के प्रबंधन में विश्व की
अग्रणी कंपनी है, ने चंडीगढ़ के कई वीज़ा एजेंटों द्वारा फर्जी दस्तावेजों का
इस्तेमाल कर विदेश जाने के इच्छुक लोगों को धोखा देने की जानकारी दी।

जिनके खिलाफ केस दर्ज हुआ, उन्होंने पुलिस पूछताछ में बताया
गुरशरण सिंह*: 2 जुलाई 2024 को पंजाब निवासी गुरशरण सिंह ने अपनी वीज़ा
प्रक्रिया के लिए दिल्ली स्थित वीएफएस ग्लोबल कार्यालय में दस्तावेज़ जमा किए।
जांच में उनका अपॉइंटमेंट लेटर फर्जी पाया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि
यह दस्तावेज़ उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर-40सी में “प्वाइंट 7 ओवरसीज़” के
संचालक कमल कुमार से मिला था।

गुरजंट सिंह: 16 जुलाई 2024 को पंजाब निवासी गुरजंट सिंह ने अपनी वीज़ा
प्रक्रिया के लिए दस्तावेज़ जमा किए। जांच में उनका अपॉइंटमेंट लेटर भी फर्जी
पाया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज़ उन्हें चंडीगढ़ के
सेक्टर-40सी/40बी में “बिशप इमिग्रेशन” के संचालक अनस खान से मिला था।

गुरप्रीत सिंह: 26 जुलाई 2024 को पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह ने भी वीज़ा
प्रक्रिया के लिए दस्तावेज़ जमा किए। जांच में उनका अपॉइंटमेंट लेटर भी फर्जी
पाया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज़ उन्हें चंडीगढ़ के
पिकाडिली स्क्वायर मॉल में स्थित “वेरासिटी ओवरसीज़” की संचालिका जसप्रीत कौर
से मिला था।

वहीं, जब प्वाइंट 7 ओवरसीज़ के संचालक कमल कुमार से बात की गई, तो उन्होंने
कहा कि उन्होंने गुजरात के रहने वाले जे प्रमार नामक शख्स से संपर्क किया था,
जिसने 12 लड़कों के अपॉइंटमेंट लेटर दिए थे। जब उन्हें यह पता चला कि ये फर्जी
थे, तो उन्होंने जे प्रमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने उनका नंबर
ब्लॉक कर दिया। इसके बाद उन्होंने जे प्रमार के खिलाफ चंडीगढ़ साइबर सेल में
शिकायत दी है।

आखिरकार कौन-सा गिरोह है इसके पीछे
चंडीगढ़ में रोजाना विदेश भेजने के नाम पर पुलिस केस दर्ज किए जा रहे हैं,
लेकिन जिस मामले में ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की है, उसमें फर्जी अपॉइंटमेंट
लेटर देने का मामला सामने आया है। हालांकि, इसके पीछे कौन सा गिरोह है, इसका
पता पुलिस अभी तक नहीं लगा पाई है। इसके अलावा, यह भी नहीं पता कि कितने लोग
ऐसे फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर लेकर झांसे में फंस रहे हैं। विदेश जाने के चक्कर
में लोग अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के हाथों गंवा
रहे हैं।

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