चंडीगढ़: नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा हर साल अस्थायी रैन बसेरों के लिए ठेके
आवंटित करने में गड़बड़ी और नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। एनजीओ
“नव युवा एकता संगठन” के उपाध्यक्ष गुरदेव यादव ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार
और अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
गुरदेव यादव द्वारा भेजी गई शिकायत में बताया गया है कि रैन बसेरों के निर्माण
और संचालन का ठेका हर साल नियमों के खिलाफ जाकर निजी ठेकेदारों को दिया जाता
है। इसके लिए केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों और मानकों की अनदेखी की जा रही
है। शिकायत में कहा गया है कि इन अस्थायी रैन बसेरों पर हर साल लगभग 9 लाख
रुपये प्रति रैन बसेरा खर्च किए जाते हैं, जबकि सुविधाएं न के बराबर होती हैं।
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1. स्थायी रैन बसेरों की अनदेखी: शिकायत के अनुसार, स्थायी रैन बसेरों के
निर्माण के बजाय अस्थायी रैन बसेरे बनाए जाते हैं, जिन्हें हर साल तोड़ दिया
जाता है।
2. खराब सुविधाएं: रैन बसेरों में न तो पर्याप्त प्रकाश, पानी, और साफ-सफाई की
व्यवस्था है, और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम।
3. ठेकेदारों को अनुचित लाभ: हर साल एक ही ठेकेदार को ठेका दिया जाता है,
जिससे सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।
4. सीएजी की चेतावनी की अनदेखी: महालेखा परीक्षक द्वारा गड़बड़ियों की ओर
इशारा करने के बावजूद नगर निगम ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
शिकायत में मांग:
गुरदेव यादव ने अनुरोध किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर
सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, उन्होंने रैन बसेरों को स्थायी बनाने और
सरकारी दिशानिर्देशों के तहत संचालन सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि पंचकूला में लगभग 3.5 लाख रुपये में स्थायी
रैन बसेरे बनाए गए हैं, जबकि चंडीगढ़ में इससे तीन गुना अधिक खर्च हो रहा है।